Tanha
Yash Narvekar
हां आ
जाने क्या बात थी
मेरी ही थी ख़ाता
अब सोच के होगा क्या तू कहाँ
खामोशियों में भी
पुकारे तुझे मेरे
खाली से घर का रास्ता
मैं ना जानू होगा
मेरा तेरे बिना
यूँ हाल क्या
ना मानु तू ना मेरा
अब बस तेरी यादों का पहरा
सांझ सवेरा मैं
बस तन्हा तन्हा हूँ
जो तू ना मेरा
मैं तन्हा तन्हा हूँ
में बस तन्हा तन्हा तन्हा हूँ
तन्हा तन्हा तन्हा हू
तेरे बिन तन्हा तन्हा तन्हा हू
तन्हा तन्हा तन्हा हू
मिले तुमसे जो हम कभी
आखें तो मिलेंगी आज भी
बात चाहे ना करें कभी
जितना भी फासला रहे
चाहे हम ख़ास ना रहे
यादों से ना जायेंगे कभी
मैं ना जानू होगा मेरा
तेरे बिना यूँ हाल क्या
ना मानु तू ना मेरा
अब बस तेरी यादों का पहरा
सांझ सवेरा मैं बस तन्हा तन्हा हूँ
जो तू ना मेरा मैं तन्हा तन्हा हूँ
मैं बस तन्हा तन्हा तन्हा हूँ
तन्हा तन्हा तन्हा हूँ
तेरे बिना तन्हा तन्हा तन्हा हूँ
तन्हा तन्हा तन्हा हूँ