Aawari [Reprise]
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पहली बारिश की तरह दिल को भीगा ने चली
पहली अज़ान की तरह मुझको जगा ने चली
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
खुश्बू सारी कुदरत की
लेकर मैं ऐसे फिरती
जेसे के हो खुद एक हवा महकी
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
गीली मिट्टी की तराहा यादें जगा ने चली
बदले मौसम की तरह धड़कन बढ़ा ने चली
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा
तेरी ज़मीन, तेरा आसमान दोनो नया कर चली
मुस्काते होठो से यु रंगत बया कर चली
रूखा रूखा दिल का मौसम मैं खुशनुमा कर चली
हर गम हर दर्द तेरा मैं गुमशुदा कर चली
कोने मैं तीन के कही कमरा बनाने चली
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
आवारी आवारी मैं पूरी आवारी
मैं पूरी आवारी मैं पूरी आवारी