Flaws
DRJ Sohail
ये ऑंखें कैसे पढ़ लेती हो
दर्दो में सवर लेती हो
बेचैन हे साँसे मेरी
ये वादे कैसे कर लेती हो
रिश्तो का मोल नहीं
सब वादे करने लगे
जब हुए जुदा तो
सब बातें करने लगे
मैंने पूछा क्या कमी थी
में प्यार में
नजरो में में गिरा
वो बता भी न सके
मसला मोहब्त का कर पाता कोई सुलह नहीं
तेरी शिकायत कैसे खुद दूध का धुला नहीं
मैंने देखा पर अश्म्जस में देखा झूला नहीं
साथ तेरे रहना बस होना मुझसे जुदा नहीं
तू हे मेरा वो नशा जिससे पी के बहका आज
तू हे रूह का लिबास मेरे दामनो में दाग
तेरी याद मुझे चुभे जैसे टुटा हुआ कांच
तेरे जाने का एहसास बस बचा मेरे पास
ये ऑंखें कैसे पढ़ लेती हो
दर्दो में सवर लेती हो
बेचैन हे साँसे मेरी
ये वादे कैसे कर लेती हो