Salam Aap Ki Methi Nazar Ko Salam

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम
सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम
किया हम पे जादू असर को सलाम
ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम
सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम

खुदा भी खयालो में लाया है तुमको
खुद हाथों से अपने बनाया है तुमको
फलक ने भी दिल में बिठाया है तुमको
हमारी जमीं पर भी लाया है तुमको
सलाम वो सुनहरी सहर को सलाम
किया हमपे जादू असर को सलाम
ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम
सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम

ये भीगा सा मौसम फ़िज़ा झूमती है
हवा मेरे दिल को मसलने लगी है
नज़र क्या मिली जिंदगी मिल गयी है
मेरी राह में चांदनी खिल गयी है
सलाम इस नशीली उमर को सलाम
किया हम पे जादू असर को सलाम
ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम
सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम

ये जी चाहता है न जाऊ यहाँ से
ये घर आपका कम नहीं आसमान से
हुवा मै तुम्हारा और आया कहा से
मुझे तो मोहब्बत मिली है यहाँ से
सलाम आपके संगेदर को सलाम
किया हमपे जादू असर को सलाम
ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम ओ सलाम
सलाम आपकी मीठी नज़र को सलाम

Curiosità sulla canzone Salam Aap Ki Methi Nazar Ko Salam di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Salam Aap Ki Methi Nazar Ko Salam” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Salam Aap Ki Methi Nazar Ko Salam” di di Mohammed Rafi è stata composta da Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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