Raahi Manwa Dukh Ki Chinta

Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri

दुख हो या सुख
जब सदा संग रहे ना कोई
फिर दुख को अपनाईये
के जाए तो दुख ना होए

राही मनवा दुख की चिंता क्यूँ सताती है
दुख तो अपना साथी है
राही मनवा दुःख की चिंता क्यूँ सताती है
दुख तो अपना साथी है
सुख है एक छाँव ढलती आती है जाती है
दुःख तो अपना साथी है
राही मनवा दुख की चिंता क्यूँ सताती है
दुख तो अपना साथी है

दूर है मंज़िल दूर सही
प्यार हमारा क्या कम है
पग में काँटे लाख सही
पर ये सहारा क्या कम है
हमराह तेरे कोई अपना तो है
हमराह तेरे कोई अपना तो है
हो सुख है एक छाँव ढलती आती हैं जाती है
दुख तो अपना साथी है
राही मनवा दुख की चिंता क्यूँ सताती है
दुख तो अपना साथी है

दुख हो कोई तब जलते हैं
पथ के दीप निगाहों में
इतनी बड़ी इस दुनियाँ की
लंबी अकेली राहों में
हमराह तेरे कोई अपना तो है
हमराह तेरे कोई अपना तो है
हो सुख है एक छाँव ढलती आती हैं जाती है
दुख तो अपना साथी है
राही मनवा दुख की चिंता क्यूँ सताती है
दुख तो अपना साथी है
दुख तो अपना साथी है

Curiosità sulla canzone Raahi Manwa Dukh Ki Chinta di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Raahi Manwa Dukh Ki Chinta” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Raahi Manwa Dukh Ki Chinta” di di Mohammed Rafi è stata composta da Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri.

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