Phir Aane Laga Yaad Wohi

Qamar Jalalabadi, Iqbal Qureshi

फिर आने लगा याद
वोही प्यार का आलम
इनकार का आलम कभी
इक़रार का आलम
फिर आने लगा याद
वोही प्यार का आलम

प्यार का आलम

वो पहली मुलाक़ात में
वो पहली मुलाक़ात में
वो पहली मुलाक़ात में
रंगीन इशारे
फिर बातो ही बातो में
वो तकरार का आलम
फिर आने लगा याद
वोही प्यार का आलम

प्यार का आलम

वो झूमता बलखाता
वो झूमता बलखाता
वो झूमता बलखाता
हुआ सरवे खरामा
मैं कैसे भुला दू
तेरी रफ़्तार का आलम
फिर आने लगा याद
वोही प्यार का आलम

प्यार का आलम

कब आए थे वो कब गये
कब आए थे वो कब गये
कब आए थे वो कब गये
कुछ याद नही है
आँखो में बसा है
वोही दीदार का आलम
फिर आने लगा याद
वोही प्यार का आलम
इनकार का आलम कभी
इक़रार का आलम

प्यार का आलम
प्यार का आलम
प्यार का आलम
हाए प्यार का आलम

Curiosità sulla canzone Phir Aane Laga Yaad Wohi di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Phir Aane Laga Yaad Wohi” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Phir Aane Laga Yaad Wohi” di di Mohammed Rafi è stata composta da Qamar Jalalabadi, Iqbal Qureshi.

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