O Mere Shahe Khuban [Revival]

Hasrat Jaipuri

ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

तुम हो सेहेरा में तुम गुलिस्ताँ में
तुम हो जर्रों में तुम भी आबाँ में
मैने तुम को कहाँ कहाँ देखा
छुप के रहते हो तुम रग-ए-जान में
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

मेरी आँखों की जुस्तजू तुम हो
इल्तजा तुम हो आरज़ू तुम हो
मैं किसी और को तो क्या जानू
मेरी उल्फत की आबरू तुम हो
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

Curiosità sulla canzone O Mere Shahe Khuban [Revival] di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “O Mere Shahe Khuban [Revival]” di di Mohammed Rafi?
La canzone “O Mere Shahe Khuban [Revival]” di di Mohammed Rafi è stata composta da Hasrat Jaipuri.

Canzoni più popolari di Mohammed Rafi

Altri artisti di Religious