Mohabbat Ki Bas Itni Dastan Hai

NAUSHAD, KHUMAR BARABANKVI

सितारे डूब चले रात ढलने वाली है
चले भी आओ दुनिया बदलने वाली है

तुम्हें कसम है न कर न मेरी जुदाई का ग़म
हवाये लाख चले शम्मा जलने वाली है

मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है
बहारें बहारें चार दिन की फिर फिजा है
मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है

मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है
बहारें बहारें चार दिन की फिर फिजा है
मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है

उजाले को तरसती है निगाहें
बड़ी वीरान है उलफत की राहें
कहाँ है कहाँ है चाँद मेरे तू कहाँ है
मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है

मज़ा मिलने का आता है
बिछड़ के मोहब्बत रंग लाती है उजड़ के
जुदाई जुदाई दो दिलो का इम्तिहान है

मोहब्बत की बस इतनी दास्तान है

Curiosità sulla canzone Mohabbat Ki Bas Itni Dastan Hai di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Mohabbat Ki Bas Itni Dastan Hai” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Mohabbat Ki Bas Itni Dastan Hai” di di Mohammed Rafi è stata composta da NAUSHAD, KHUMAR BARABANKVI.

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