Mile Khak Men Naujawan Kaise Kaise

CHITRAGUPTA, PREM DHAWAN

मिले खाक में नौजवान कैसे कैसे
जमी खा गयी आसमान कैसे कैसे
ए मौत बुरा हो तेरा
तूने घर न कोई भी छोड़ा
किसी आँख का मोती छिना
किसी डाल से फूल है तोडा
ए मौत बुरा हो तेरा

मन क्या क्या आस लगाये
सपनो के महल बनाये
मन क्या क्या आस लगाये
सपनो के महल बनाये
पर तेरी इक ठोकर से
सब माटी में मिल जाये
दीखते है वह विराने
मुह तूने जिधर भी मोड़ा
ए मौत बुरा हो तेरा

कही देती बहना दुहाई
तूने छिना है क्यों मेरा भाई
कही देती बहना दुहाई
तूने छिना है क्यों मेरा भाई
मैं बांध तो लेती राखी
तुझे इतनी दया भी न आयी
क्या होता जो तू दे देती
जीवन कुछ और भी थोड़ा
ए मौत बुरा हो तेरा
तूने घर न कोई भी छोड़ा
किसी आँख का मोती छिना
किसी डाल से फूल है तोडा
ए मौत बुरा हो तेरा

Curiosità sulla canzone Mile Khak Men Naujawan Kaise Kaise di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Mile Khak Men Naujawan Kaise Kaise” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Mile Khak Men Naujawan Kaise Kaise” di di Mohammed Rafi è stata composta da CHITRAGUPTA, PREM DHAWAN.

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