Mere Pyar Ka Aaj Mahurat Hai
ए कलियो तुम मुस्कुराओ
ओ नज़रो झूम जाओ
अब मुझको तुम्हारी ज़रूरत है
अजी क्या बात है
मेरे प्यार का आज महुरत है
मेरे प्यार का आज महुरत है
ओ फिजाओं लौट आओ
और बहारों को बुलाओ
ये घड़ी तो बड़ी खूबसूरत है
औ मेरे प्यार का आज महुरत है
मेरे प्यार का आज महुरत है
ए कलियो
हरे खेतो की हरियाली से तुम खुश्बू चुराके
हरे खेतो की हरियाली से तुम खुश्बू चुराके
हो सूरज के बसंती रंग में ओ शबनम मिला के
मुझे मेहन्दी तुम लगाओ शहनाईया तो बजाओ
अब मुझको तुम्हारी ज़रूरत है
मेरे प्यार का आज महुरत है
मेरे प्यार का आज महुरत है
ओ फिजाओं
हाय राम
सावन की बदरियाँ जैसी तेरी चुनरी रंगा दू
सावन की बदरियाँ जैसी तेरी चुनरी रंगा दू
हो सागर से मैं चुन चुन मोती तेरे गहने बना दू
पूरब की ए हवाओं तुम गीतो गीत गाओ
ये घड़ी तो बड़ी खूबसूरत है
अब मेरे प्यार का आज महुरत है