Mere Mehboob Mere Saath Hi

Majrooh Sultanpuri, N Dutta

मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
रोशनी लेके अंधेरे से निकलना है तुझे
रोशनी लेके अंधेरे से निकलना है तुझे
मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
मेरी महबूब

तेरे आचल मे सितारे है गिरेबान मे किरण
तेरी नज़रो से हुई इश्क़ की दुनिया रोशन
ढल गयी गीत के साचे मे दिलो की धड़कन
ढल गयी गीत के साचे मे दिलो की धड़कन
जिसमे जलता हू उसी आग मे जलना है तुझे
मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
मेरी महबूब

चाँद से माथे पे मेहनत के पसीने की लकीर
जाग उठी जाग उठी हिंद की सोई हुई तकदीर
कट के गिर जाएँगी पैरो पे पुरानी जंजीर
कट के गिर जाएँगी पैरो पे पुरानी जंजीर
लड़खड़ाएगी कहा तक की संभालना है तुझे
मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
मेरी महबूब मेरे साथ ही चलना है तुझे
रोशनी लेके अंधेरे से निकलना है तुझे रोशनी लेके

Curiosità sulla canzone Mere Mehboob Mere Saath Hi di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Mere Mehboob Mere Saath Hi” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Mere Mehboob Mere Saath Hi” di di Mohammed Rafi è stata composta da Majrooh Sultanpuri, N Dutta.

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