Mazdoor Zindabaad
आ आ आ
काम की पूजा करने वाले
म्हणत से न डरने वाले
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
काम की पूजा करने वाले
म्हणत से न डरने वाले
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
आ आ आ
चीर के सीना धरती का
हरियाली जो लेट है
वो इनके हाथ है
है वो इनके हाथ है
जो पर्वत को काट कर
रिश्ते बनते है
वो इनके हाथ है
है वो इनके हाथ है
आग से जो खेलकर
आग से जो खेलकर
लोहे को माँ बनते है
वो इनके हाथ है
वो इनके हाथ है
मिलो में कारखाने
में मशीन जो चलते है
वो इनके हाथ है
वो इनके हाथ है
पैदावार बढ़ने
वाले जीवन ज्योत जगाने वाले
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
कोयले की खानों में
खेलते है जनो पर
वो भी मजदुर है
वो भी मजदुर है
धनवानों के वास्ते
बन जाते है जानवर
वो भी मजदुर है
वो भी मजदुर है
डैम बनके जगह जगह
डैम बनके जगह जगह
पर नेहरू जी की याद दिलाना
इनका काम है
इनका काम है
देश की रक्षा करने वाली
सेना का हथियार बनाना
इनका काम है
इनका काम है
हिंदुस्तान सजाने वाले
देश में उन्नति लाने वाले
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
काम की पूजा करने वाले
म्हणत से न डरने वाले
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद
मज़दूर ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
आ आ आ
रोज सवेरा होते ही
जिंदगी के हमसफ़र
पथ पे बचे बद कर
कट जाते है काम पर अपने खून पसीने से
बिल्डिंगे बनाते है
आवर जब बिल्डिंग बन जाती है
रहने वाले आते है
यह बेघर हो जाते है
यह बेघर हो जाते है
सोचने की बात है की देते है
क्या पटे है मजदुर यही कहलात्ते है
मजदुर यही कहलात्ते है