Khuli Palak me
ज़रा ठहरो
ज़रा ठहरो सदा मेरे दिल की ज़रा सुनते जाना
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा, बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल, हाय मरना भी मुश्किल
आँखों में इक़रार की झलकी, होंठों पे इनकार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल, हाय मरना भी मुश्किल
जिस दिन से देखा तुमको, तुम लगे मुझे अपने-से
और आके रहे आँखों में हाय और आके रहे आँखों में
एक मनचाहे सपने-से
समझ न आए, क्या जीता मैं और गया क्या हार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल
तुम प्यार छुपाके हारे, मैं प्यार जताके हारा
अब तो सारी दुनिया पे,हाय अब तो सारी दुनिया पे
ज़ाहिर है हाल हमारा
पहुँचके इस मंज़िल पे, लौटना अब तो है दुश्वार
जीना भी मुश्किल