Janani Janani Mahima Hai Nirali
पुत्रहींन को पिता बनाकर पहले को वरदान दिया
क्या अपराध हुआ हमसे जो वापिस इसका प्राण लिया
जननी जननी महिमा है निराली वर दे तू भवानी
लो आया मैं द्वार तेरे दाता हाय जीवन दे फिर से तू माता
के जीवन दे फिर से तू माता जननी जननी
माता ओ माता रूठी तुम आज क्यूँ
पाही पाही मृत्युंजय देवी
प्राण बुझे माँ महिमा दिखा अंबे
जीवन दाहिनी हे जगदांबे जननी
निष्फल मत कर हो ये फल मेरा तू
हाथ जोड़ू मैं करुणा करो ना
मुरझाए क्यूँ नन्ही नन्ही कलियाँ
रूठी हमारी क्यूँ रंगरलियाँ
जननी जननी महिमा है निराली वर दे तू भवानी
लो आया मैं द्वार तेरे दाता हो जीवन दे फिर से तू माता
के जीवन दे फिर से तू माता
जीवन दे फिर से तू माता जीवन दे फिर से तू माता