Jab Muhabbat Jawan Hoti Hai

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक ज़बान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक ज़बान होती है
तुम जहाँ प्यार से कदम रख दो
वह ज़मीन आसमान होती है

गुंचे गुंचे में हँस रहे हो तुम
इन ख्यालों में बस रहे हो तुम
यु मेरे दिल में छुप रहे हो तुम
जैसे मुरलि में तान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से कदम रख दो
वह ज़मीन आसमान होती है

कुछ कहो तोह कहा नहीं जाता
दर्द दिल का सहा नहीं जाता
बिन तुम्हारे रहा नहीं जाता
हाय मुश्किल में जान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से कदम रख दो
वह ज़मीन आसमान होती है

हल्का हल्का सुरूर रहता है
दिल तो मस्ती में चूर रहता है
बात जो भी कही नहीं जाती
वह नज़र से बयान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से कदम रख दो
वह ज़मीन आसमान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक ज़बान होती है

Curiosità sulla canzone Jab Muhabbat Jawan Hoti Hai di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Jab Muhabbat Jawan Hoti Hai” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Jab Muhabbat Jawan Hoti Hai” di di Mohammed Rafi è stata composta da Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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