Insaan Bano

Naushad, Shakeel Baduyani

निर्धन का घर लुटने वालो
लूट लो दिल का प्यार
प्यार वो धन है जिसके आगे
सब धन है बेकार ओ ओ ओ
इंसान बनो
इंसान बनो कर लों भलाई का कोई काम
इंसान बनो
दुनिया से चले जाओगे रह
जाएगा बस नाम इंसान बनो

हो ओ ओ ओ ओ ओ
इस बाग़ में सूरज भी निकलता है लिए गम
फूलो की हँसी देख के रो देती है शबनम
कुछ देर की खुशियाँ है तो कुछ देर का मातम
किस नींद में हो
किस नींद में हो जागो ज़रा सोच लो अंजाम
इंसान बनो

हो ओ ओ ओ ओ ओ
लाखो यहां शान अपनी दिखाते हुए आये
दम भर को रहे नाच गए धुप में साये
वो भूल गए थे के ये दुनिया है सराये
आता है कोई
आता है कोई सुबह को जाता है कोई शाम
इंसान बनो

हो ओ ओ ओ ओ ओ
क्यू तुमने लगाए है यहां ज़ुल्म के डेरे
धन साथ न जाएगा बने क्यों हो लुटेरे
पिटे हो गरीबों का लहू शाम सवेरे
खुद पाप करो ओ ओ ओ ओ ओ
खुद पाप करो नाम हो शैतान का बदनाम
इंसान बनो
इंसान बनो कर लों भलाई का कोई काम
इंसान बनो
दुनिया से चले जाओगे रह जाएगा बस नाम
इंसान बनो

Curiosità sulla canzone Insaan Bano di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Insaan Bano” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Insaan Bano” di di Mohammed Rafi è stata composta da Naushad, Shakeel Baduyani.

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