Hum Panchhi Ek Daal Ke [Pt.1]

N. DUTTA, P.L. SANTOSHI

जिस घर के लोगों को सुबह झगड़ते देखा है
शाम हुई की घर वही उजड़ते देखा है
अरे बनती नहीं है बात झगड़े से कभी यारों
बनते बनते बात को बिगड़ते देखा है
अरे हम पंछी एक डाल के

एक डाल के
हम पंछी एक डाल के एक डाल के

होय संग संग डोलें जी संग संग डोलें
संग संग डोलें जी संग संग डोलें(संग संग डोलें जी संग संग डोलें)
बोली अपनी अपनी बोलें
बोली अपनी अपनी बोलें
जी बोलें जी बोलें(जी बोलें जी बोलें)
हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें(हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें)
हम पंछी एक डाल के एक डाल के(हम पंछी एक डाल के एक डाल के)

दिन के झगड़े दिन को भूले
हो दिन के झगड़े दिन को भूले
रातों को सपनों में हम झूले

रातों को सपनों में हम झूले
धरती बिछौना नीली चदरिया
मीठी नींदे सो लें जी सो लें सो लें
हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें(हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें)
संग संग डोलें जी संग संग डोलें(संग संग डोलें जी संग संग डोलें)
बोली अपनी अपनी बोलें
बोली अपनी अपनी बोलें
जी बोलें जी बोलें(जी बोलें जी बोलें)
हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें(हा संग संग डोलें जी संग संग डोलें)
हम पंछी एक डाल के एक डाल के(हम पंछी एक डाल के एक डाल के)

Curiosità sulla canzone Hum Panchhi Ek Daal Ke [Pt.1] di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Hum Panchhi Ek Daal Ke [Pt.1]” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Hum Panchhi Ek Daal Ke [Pt.1]” di di Mohammed Rafi è stata composta da N. DUTTA, P.L. SANTOSHI.

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