Aisa To Kabhi Mumkin Hi Nahin

Anwar Farrukhabadi

ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं
मिल जाये नज़र और प्यार न हो
मिल जाये नज़र और प्यार न हो
जो बात जनम ले ले दिल में
जो बात जनम ले ले दिल में
उस बात का क्यों इजहार न हो
उस बात का क्यों इजहार न हो
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं

माना के जवानी है आई
तौबा ये नशीली अंगडाई
माना के जवानी है आई
तौबा ये नशीली अंगडाई
थम थम के बरस ए सोख गता
थम थम के बरस ए सोख गता
जज्बात की हद से पार न हो
जज्बात की हद से पार न हो
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं

ये शाम की सुर्ख़ी गालों पर
हाय ये रात का आँचल बालों पर
ये शाम की सुर्ख़ी गालों पर
ये रात का आँचल बालों पर
पड़ जाये नज़र तुज पर जिसकी
हाय पड़ जाये नज़र तुज पर जिसकी
कैसे वो तेरा बीमार न हो
कैसे वो तेरा बीमार न हो
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं
मिल जाये नज़र और प्यार न हो
मिल जाये नज़र और प्यार न हो
ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं

Curiosità sulla canzone Aisa To Kabhi Mumkin Hi Nahin di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Aisa To Kabhi Mumkin Hi Nahin” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Aisa To Kabhi Mumkin Hi Nahin” di di Mohammed Rafi è stata composta da Anwar Farrukhabadi.

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