Aaye Bahar Ban Ke [Short]
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
आए बहार बन के लुभा कर चले गए
आए बहार बन के लुभा कर चले गए
क्या राज़ था जो दिल में छुपा कर चले गए
क्या राज़ था जो दिल में छुपा कर चले गए
कहने को वो हसीन थे आँखें थीं बेवफ़ा
हाय आँखें थीं बेवफ़ा
कहने को वो हसीन थे आँखें थीं बेवफ़ा
हाय
दामन मेरी नज़र से बचा कर चले गए
आए बहार बन के कर चले गए