Aaja Re Aaja

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

हो हो हो
आजा रे आजा कही से आजा
आजा रे आजा कही से आजा
तड़पते मन को समझाने आजा
हो दिन पे दिन बीता जाये
अब तो किसी बहाने आजा
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा
हर कोई हास्के मिले सनम से
देखा जाये नहीं रे हमसे
दिन पे दिन बीता जाये
अब तो किसी बहाने आजा
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा

वैसे तो मिलती है कितनी कजरवा लगाये
मोसे उनकी गोरी बय्या थमी नहीं जाये
वैसे तो मिलती है कितनी कजरवा लगाये
मोसे उनकी गोरी बय्या थमी नहीं जाये
जब तक न तू गरवा लगे
जिया एक न मानी
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा

तेरी एक झलकी के लिए
छनि हर एक नगरीय
खो बैठा मै खुद को
फिर भी पई न ख़बरिया
तेरी एक झलकी के लिए
छनि हर एक नगरीय
खो बैठा मै खुद को
फिर भी पई न ख़बरिया
सोने की चवनिया मति न मिल जाये
बचने आजा
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा

तू मिल जाये तो फिर मैं तो
दुनिआ से टकराके
जानिया तोरा घुघट खोलू
लोहू में नहाके
तू मिल जाये तो फिर मैं तो
दुनिआ से टकराके
जानिया तोरा घुघट खोलू
लोहू में नहाके
कुछ कर डालो इससे पहले
तू मुझको समझने आजा
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा
हर कोई हास्के मिले सनम से
देखा जाये नहीं रे हमसे
दिन पे दिन बीता जाये
अब तो किसी बहाने आजा
कही से आजा आजा रे आजा
तड़पते मन को समझाने आजा

Curiosità sulla canzone Aaja Re Aaja di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Aaja Re Aaja” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Aaja Re Aaja” di di Mohammed Rafi è stata composta da LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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