Aaja Ki Intezar Mein [Revival]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

आजा के इंतज़ार में, जाने को है बहार भी
तेरे बग़ैर ज़िन्दगी
तेरे बग़ैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गयी
आजा के इंतज़ार में, जाने को है बहार भी

अरमां लिए बैठे है हम, सीने में है तेरा ही ग़म
अरमां लिए बैठे है हम, सीने में है तेरा ही ग़म
तेरे दिल से प्यार की वो तड़प किधर गयी
आजा के इंतज़ार में, जाने को है बाहर भी
तेरे बग़ैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गयी
आजा के इंतज़ार में, जाने को है बहार भी

आ आ आ
दिल की सदा पे ऐ सनम, बढ़ते गए मेरे क़दम
दिल की सदा पे ऐ सनम, बढ़ते गए मेरे क़दम
अब तो चाहे जो भी हो, दिल तुझे मैं दे चुकी

आजा के इंतज़ार में, जाने को है बहार भी
ओ तेरे बग़ैर ज़िन्दगी
तेरे बग़ैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गयी

आजा के इंतज़ार में, जाने को है बहार भी

Curiosità sulla canzone Aaja Ki Intezar Mein [Revival] di Mohammed Rafi

Chi ha composto la canzone “Aaja Ki Intezar Mein [Revival]” di di Mohammed Rafi?
La canzone “Aaja Ki Intezar Mein [Revival]” di di Mohammed Rafi è stata composta da SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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