Sunli Jo Khuda Ne

Bashir Badr

सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

महसूस किया तुम को तो गीली हुईं पलकें
महसूस किया तुम को तो गीली हुईं पलकें
भीगे हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो
भीगे हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

अन्जानी सी राहों में नहीं कोई भी मेरा
अन्जानी सी राहों में नहीं कोई भी मेरा
किस ने मुझे यूँ अपना कहा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

दुनिया को बहरहाल गिले शिकवे रहेंगे
दुनिया को बहरहाल गिले शिकवे रहेंगे
दुनिया की तरह मुझ से ख़फ़ा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

Curiosità sulla canzone Sunli Jo Khuda Ne di Jagjit Singh

Chi ha composto la canzone “Sunli Jo Khuda Ne” di di Jagjit Singh?
La canzone “Sunli Jo Khuda Ne” di di Jagjit Singh è stata composta da Bashir Badr.

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