Rukh Se Parda

ANWAR MIRZAPURI, TALAT AZIZ

रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा
है जो बेहोश वो होश में आयेगा
गिरनेवाला है जो वो संभल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे

तुम तसल्ली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो
वक़्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो
वक़्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
क्या ये कम है मसीहा के रहने ही से
मौत का भी इरादा बदल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे

तीर की जाँ है दिल, दिल की जाँ तीर है
तीर को ना यूँ खींचो कहा मान लो
तीर की जाँ है दिल, दिल की जाँ तीर है
तीर को ना यूँ खींचो कहा मान लो
तीर खींचा तो दिल भी निकल आयेगा
दिल जो निकला तो दम भी निकल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे

इसके हँसने में रोने का अन्दाज़ है
ख़ाक उड़ाने में फ़रियाद का राज़ है
इसके हँसने में रोने का अन्दाज़ है
ख़ाक उड़ाने में फ़रियाद का राज़ है
इसको छेड़ो ना अनवर ख़ुदा के लिए
वरना बीमार का दम निकल जाएगा
रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा
है जो बेहोश वो होश में आयेगा
गिरनेवाला है जो वो संभल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे

Curiosità sulla canzone Rukh Se Parda di Jagjit Singh

Quando è stata rilasciata la canzone “Rukh Se Parda” di Jagjit Singh?
La canzone Rukh Se Parda è stata rilasciata nel 2014, nell’album “Timeless Classics”.
Chi ha composto la canzone “Rukh Se Parda” di di Jagjit Singh?
La canzone “Rukh Se Parda” di di Jagjit Singh è stata composta da ANWAR MIRZAPURI, TALAT AZIZ.

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