Sarkati Jaye Hai Rukh Se Naqab

Ameer Meenai

सरकती जाए हैं रुख से
नक़ाब आहिस्ता-अहिस्ता
निकलाता आ रहा है आफताबी
आहिस्ता-आहिस्ता
सरकती जाए हैं रुख से
नक़ाब आहिस्ता-अहिस्ता

जवान होने लगे जब
वो तो हमसे कर लिया परदा
जवान होने लगे जब
वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलाख़्त आई
और शबाब आहिस्ता-अहिस्ता

सब-ए-फुरकत का जागा हूं
फरिश्तान अब तो सोन दो
सब-ए-फुरकत का जागा हूं
फरिश्तान अब तो सोन दो
कभी फुर्सत मी करलेना
हिसाब आहिस्ता-अहिस्ता

बड़ी बेदर्दी से सर काते अमीर
और मैं कहूं उनसे
बड़ी बेदर्दी से सर काते अमीर
और मैं कहूं उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता-आहिस्ता
सरकती जाए हैं रुख से
नकाब आहिस्ता-आहिस्ता

Curiosità sulla canzone Sarkati Jaye Hai Rukh Se Naqab di Jagjit Singh

Chi ha composto la canzone “Sarkati Jaye Hai Rukh Se Naqab” di di Jagjit Singh?
La canzone “Sarkati Jaye Hai Rukh Se Naqab” di di Jagjit Singh è stata composta da Ameer Meenai.

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