Kabhi Ghuncha Kabhi Shola

JAGJIT SINGH, RANA SAHARI

कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह
लोग मिलते हैं, बदलते हुए मौसम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह

मेरे महबूब, मेरे प्यार को इल्जाम ना दे
मेरे महबूब, मेरे प्यार को इल्जाम ना दे
हिज़्र मे ईद मनाई है, मुहर्रम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह

मैंने खुशबू की तरह, तुझको किया हैं महसूस
मैंने खुशबू की तरह, तुझको किया हैं महसूस
दिल ने छेड़ा हैं तेरी याद को, शबनम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह

कैसे हमदर्द हो तुम, कैसी मसीहाई हैं
कैसे हमदर्द हो तुम, कैसी मसीहाई हैं
दिल पे नश्तर भी लगाते हो तो, मरहम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह
लोग मिलते हैं, बदलते हुए मौसम की तरह
कभी गुंचा, कभी शोला, कभी शबनम की तरह

Curiosità sulla canzone Kabhi Ghuncha Kabhi Shola di Jagjit Singh

Quando è stata rilasciata la canzone “Kabhi Ghuncha Kabhi Shola” di Jagjit Singh?
La canzone Kabhi Ghuncha Kabhi Shola è stata rilasciata nel 2004, nell’album “Jagjit Singh Digital Collection 1”.
Chi ha composto la canzone “Kabhi Ghuncha Kabhi Shola” di di Jagjit Singh?
La canzone “Kabhi Ghuncha Kabhi Shola” di di Jagjit Singh è stata composta da JAGJIT SINGH, RANA SAHARI.

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