In Ashqon Ko
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
टन मान में जो आग लगड़े
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
कैसे तुम से इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
कैसे तुम से इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
सुन लो तो सॅचा अफ़साना वरना एक खानी है
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
शएक-ओ-ब्रहमान, ज़ाहिद-ओ-वाइज़ पिरी में ये क्या जाने
शएक-ओ-ब्रहमान, ज़ाहिद-ओ-वाइज़ पिरी में ये क्या जाने
भूल भी हो जाती है इस में इसका नाम जवानी है
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
दुख शुख सहना और खुश रहना
इश्क़ मे लाज़मी है ये सहर
दुख शुख सहना और खुश रहना
इश्क़ मे लाज़मी है ये सहर
दिलवाले तो मत घबराव ये तो रीत पुरानी है
टन मान में जो आग लगड़े
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है.