Jaam O Meena Meri Nazaron Se Hata De Saqi

Sant Darshan Singh Ji Maharaj, Allauddin Khan

जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
यह जो आँखो में
च्चालकती है पीला दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी

शोलाय इश्क़ से च्चालका
दे मेरे शीशे को
शोलाय इश्क़ से च्चालका
दे मेरे शीशे को
और बेताब को
बेताब बना दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी

फिर कभी होश ना
आए तो कोई बात नही
फिर कभी होश ना
आए तो कोई बात नही
आज हम जितनी पिए
उतनी पीला दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी

जोशे मस्ती में
बगलगीर हूँ बिच्छड़े हुए दिल
जोशे मस्ती में
बगलगीर हूँ बिच्छड़े हुए दिल
आज इंसान को इंसान बना दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी

ज़िंदगी कबे मुसलसल के
साइवा कुच्छ भी नहीं
ज़िंदगी कबे मुसलसल के
साइवा कुच्छ भी नहीं
इसकी तबीर तो
दर्शन को बता दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
यह जो आँखो में
च्चालकती है पीला दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी
जाम ओ मीना मेरी
नज़रों से हटा दे साक़ी

Curiosità sulla canzone Jaam O Meena Meri Nazaron Se Hata De Saqi di Ghulam Ali

Chi ha composto la canzone “Jaam O Meena Meri Nazaron Se Hata De Saqi” di di Ghulam Ali?
La canzone “Jaam O Meena Meri Nazaron Se Hata De Saqi” di di Ghulam Ali è stata composta da Sant Darshan Singh Ji Maharaj, Allauddin Khan.

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