Jaag Re Yadava
G D Madgulkar, Kadam Ram
आ आ आ आ आ
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
फिकटल्या तारका रात सरली
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
पक्षिगण जागले किलबिलू लागले
अजून का लोचनी नीज उरली रात सरली
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
उमलला फुलवरा गंध ये मोहरा
उमलला फुलवरा गंध ये मोहरा
मंद यमुनाजळी झुळुक शिरली रात सरली
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
उठुन गोपांगना करिती गोदोहना
हरघरी जणू सुधाधार झरली रात सरली
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
निवव्ठल्या दशदिशा अंबरी ये उषा
निवव्ठल्या दशदिशा अंबरी ये उषा
सोनियाने तिची मुठ भरली रात सरली
जाग रे यादवा कृष्ण गोपालका
यादवा कृष्ण गोपालका