Hum Sabko Nek Raah Chalana
हम सबको नेक राह
चलना मेरे अल्लाह
बन्दों को बुराई से
बचाना मेरे अल्लाह
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
एक वाकया सुनाती हूँ
मैं अपनी ज़ुबानी
अपने बड़ों से मैंने
सुनी है ये कहानी
रहता था किसी शहर
में एक ऐसा भी इंसान
जो नाम का मुस्लिम था
मगर काम का शैतान
ज़ालिम को ज़ोर इ बाज़ू
पे अपने गुरुर था
यानि के बेख़ुदी में
खुदा से वो दूर था
सब लोग उसे कहते थे
जल्लाद सितमगर
मासूम की फ़रियाद
का उस पे न था असर
जो वादा उस ने कर लिया
वो कर के दिखाया
पैसों के लिए क़त्ल
किये खून बहाया
इक दिन वो बहता खून
असर उस पे कर गया
इंसान ज़िंदा हो गया
शैतान मर गया
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
ईमान जिसे कहते हैं
फरमान ए खुदा है
कुरान के हर लफ्ज़
में उस की ही सादा है
अल्लाह ने बख्शी है
जो ईमान की दौलत
ये सब से बड़ी चीज़
है इंसान की दौलत
सोए हुए दिलों को
जगाता है ये ईमान
भटके हुओं को राह
दिखाता है ये ईमान
ईमान की गर्मी से
पिघल जाते हैं पत्थर
इस नूर से बनते हैं
संवारते हैं मुक़द्दर
जो सब से प्यार करता
है इंसान वही है
मुस्लिम है वोही
साहिब ए ईमान वही है
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
जिस काम के करने पे
न हो राज़ी कोई दिल
वो काम भी इस दुनिया
में नफरत के ही काबिल
जो कुछ भी जुबां
कह दे वो इक़रार नहीं है
लग़ज़िश है लबों की
वो गुनहगार नहीं है
जो दिल से नहीं करता
बुराई का इरादा
अल्लाह से वो तौबा
करे तोड़ दे वादा
जल्दी जो संभल जाए
वो नादान नहीं है
ईमान जिस में हो
वो बेईमान नहीं है
दुनिया में हमेशा
तो नहीं रहता अन्धेरा
इंसान जहां जागे
वहीँ पे है सवेरा
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
जो सच्चे दिल से करता
है ईमान की आरज़ू
अल्लाह की नज़रों में
वो होता है सुर्ख रूह
ईमान में क्या क्या
न सहा प्यारे नबी ने
क्या ऐसी मुसीबत भी
उठायी है किसी ने
कर्बल के शहीदों ने
सबक हम को पढ़ाया
सजदे में दे के जान
को ईमान बचाया
इस राह में जो सेह्ते
हैं तक़लीफ़ ओ मुसिबत
इक रोज़ उन पे होती
है अल्लाह की रहमत
इंसान है वो जो दूसरों
का दिल न दुखाए
पड़ जाए अगर जान
पे तो जान लुटाएं
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना
अल्लाह करम करना
मौला तू रहम करना