KOI NA
प्ृिंदी घर ज़ाइन तो अछा हा
खुच खवाब मार जाएँ तो अछा हा
र्कर
या दर्डो को नशा छ्छूते ना छूटता है
प्यार केरना वालो सा क्यू मान उठता है
सच मा अकेले मुझे मारना नही
पर कोई पास आए दिल के तू दूं घुटता है
मेरी बातें सब का हे दिलों को दुखती हा
सिर फटे फ़िकरें भी नोच नोच खाती हा
दिन तो गुज़र लता हों अपने कामों में
रत होते ही यादें मौत की तरह आती हैं
मीलों नये लोगो साइ या बिचरे मनाओ
एक वक़्त का बाद या फितूर चले गया
मेरा हे कसूर माने क़दर नही की
वो हार के फिर मुझसे डोर चले गये
अपना खो गये मैं बन गेया बड़ा
म्यूज़िक मे कितने ही प्राइज़ लिए हैं
तुम्हे बस दिखे मेरी शान ओ शोकट
देखो काबी कितने सॅक्रिफाइस किए है
अकेला बात आज रो दिया
एक और शाकस माने खो दिया
कोई ना कोई ना कोई ना
पवाइं नाल तेरे अज्ज कोई ना
रोई ना रोई ना रोई ना
एन्ना लोका अग्गे रोवी ना
उससे कहा मेने डोर हा वो मानी नही
खुद रोई मुझा भी रुलाया
यादों में मेरी वो मार रही है
ये जानते हो भी उसी फोन ना ल्गया
लोग कहें मिल गया जो भी तुझी पाना था
पर मुझे लगे जैसे सब मेरा खो गया
आनसो भी नही मेरा पोचे किसी अपने ने
हर कोई मारे लिया पथेर दिल हो गेया
तो बदल गया कइयो ना मेरा मुँह पे कहा
पर देखा नही केसी ने जो मानी सहा
आज कल झूट भी माइन बोलने लगा हों
मुझे लगता हा मैं वो इंसान ही नि रहा
जो बिका नही कइयो का काएने पे
वो अब कूहड़ की मर्ज़ी पे बिकने लगा हा
डॉक्टरों के रोज़ चकेर लगाओ
हाल ए दिल अब हद पे दिखने लगा है
कोई कहानी जैसे घटने लगी है
सब से निगाहे मेरी हटने लगी है
सोच सोच कर सिर इतना है दर्द
नास्स दिमघ की जैसे फटने हे वाली है
मेरी जान खाना वाली बाहेसब निकली हैं
मेरा भाइयो का चेहरा नकाब निकले हैं
मुझे प्यार केरा वो मारे खवाब निकले हैं
मुझे मरहम देने वेल भी ताइज़ाब निकले हैं
जो आवाज़ नई उठाते थे वो छीलनी लगे हैं
उनका गले लोग ओर हमारे सिरहाने लगे हैं
कूहड़ ग़लतिया कर हमें ग़लत कहते हैं
बेवफा लोग हमें बेवफा ब्तनी लगे हैं
हमें बेवफा ब्ताने लगे ह