Jaanta Ajaanta [Female]
Ajay Naik
जाणता अजाणता कुठूनी येई असे प्रेम हे
जाणता अजाणता कवेत घेई असे प्रेम हे
जसे अलगद वाऱ्यासवे दरवळती गंध नवे
जसे अवखळ स्पंदनांचे गुणगुणते गीत नवे
गुंतता हृदय हे क्षणात होई मन बावरे
श्वास हे आभास हे बेधुंद सारे हे कसे
अबोल ही चाहूल अंतरी का दाटली
मेघात ओली ही नशा ओ
न ना ना न ना ल ला ला ला
तुरु रु रु रु हां हां
ल ला ल ला ल ला अ हां हं हां
आ आ ओ हो हो हां हं
थोडेसे कोवळे हां हां हां हां
थोडे नवे नवे हां हां
वाटते प्रेम हे हवे हवे हां हां
हो आतुर जीव हा काहूर हे मनी
जुनीच रीत ही का प्रीत ही
जसे अल्लड लाटेसवे
मन तरते, हरवते
जसे अवखळ भावनांचे
गुणगुणते गीत नवे
ल ला ला ला ल ला
तुरु रु रु तुरु रु रु रु रु
शरारारा शरारारा ला ला ल ला टाराऱ
ना ना न ना ना ना न ना न ना