Sub Ke Dil Mein Rahta Hoon
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
ख़ुशियाँ बाँट रहा हूँ जग में अपना दामन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
गुल रुत आई कलियाँ चटकीं पत्ती पत्ती मुस्काई
गुल रुत आई कलियाँ चटकीं पत्ती पत्ती मुस्काई
पर एक भँवरा ना होने से गुलशन गुलशन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
रंगों का फ़ूकताम नहीं हर-चन्द यहाँ पर जाने क्यूँ
रंगों का फ़ूकताम नहीं हर-चन्द यहाँ पर जाने क्यूँ
रंग बरंगे तन वालो का सच ये है मन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
दर दर की ठुकराई हुई ऐ महबूबा-ए-तन्हाई
दर दर की ठुकराई हुई ऐ महबूबा-ए-तन्हाई
आ मिल जुल कर रह ले इसमें दिल का नशे मन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
ख़ुशियाँ बाँट रहा हूँ जग में
ख़ुशियाँ बाँट रहा हूँ जग में अपना दामन खाली है
सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है