Mukammal
तुमसे पहले ना किसी से दिल लगाया था
तुमसे पहले ना किसी को दिल ने चाहा था
इक तुम्ही हो जिसके खातिर
दिल धड़कता है
ना मुकम्मल सा था पहले
अब मुझे लगता है
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
अपनी हर इक सांस में
करता हूँ ये महसूस मैं
छांव बनके तुम मिले हो
ज़िन्दगी की धूप में
इक अधूरे लफ्ज़ था मैं
तुम मिले तो यूँ लगा
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया
तू जो मेरे संग है तो
है ज़मीं पे जन्नतें
इक तेरे खातिर ही रब से
मांगी हैं मन्नतें
खुद से ही मेरे फ़ासले थे
तुम मिले तो यूँ लगा
मुकम्मल हो गया
मुकम्मल हो गया