Dil Ka Gehna
जो मुझको सताती है
तुझे वो बातें आती है
जब सामने तू होता नहीं
बेचैनी बढ़ जाती है
मैं रूठ के भी तेरी हु
मैं टूट के भी तेरी हु
तेरे होने से ही सुकून ऐ
ओह मेरे दिल का गहना तू है
ओह होके मेरा मेरा रहना तू है
ओह मेरे दिल का गहना तू है
ओह होके मेरा मेरा रहना तू है
ओह साहिबा बात मेरी मान ले
रहना ज़िंदगी में
साथ में याद में रहना
ओह तुझमे मेरी बस्ती रूह है
ओह मेरे दिल का गहना तू है
ओह होके मेरा मेरा रहना तू है
हुआ मजहब के नाम पे बटवारा
बादल गया सब पल भर में
तेरे बिना राने कोई नहीं
आ सकता दिल के घर में
चल दिए यादों की बारात लेके हम
ख्वाब लेके जज़्बात लेके हम
ओह मेरी ज़िंदगी तो यारा तू है
मेरे दिल का गहना तू है
होके मेरा मेरा रहना तू है
ओह मेरे दिल का गहना तू है
ओह होके मेरा मेरा रहना तू है