Kareeb
Kunaal Vermaa
देखा तूने देखा मैंने चोरी चोरी यूँ तो सौ दफा
हाँ सौ दफा
जीले थोड़ा हो ना जाये बातों बातों में ही यूँ सुबह
हाँ यूँ सुबह
सौ बातों की बात है
एक मैं हूँ तेरा तो क्या सोचना
कोई करके बहाना आ जाना मेरे करीब
कोई करके बहाना आ जाना मेरे करीब
आया तू जब से नज़रों में
मैंने फिर ख्वाब देखा ना
होगा कल से ये ख़बरों में
तेरी हाँ की बची है देरीयां
तू रहेगा मेरे जिक्रों में
अब कभी कोई होगा ना
कह ना पाऊं चाहे लफ़्ज़ों में
फिर भी करता रहूँगा मैं बयाँ
तू चाहिए बाकी करली हैं मैंने सारी तैयारियां
कोई करके बहाना आ जाना मेरे करीब
कोई करके बहाना आ जाना मेरे करीब
आ जाना मेरे करीब
आ जाना आ जाना
आ जाना मेरे करीब
आ जाना मेरे करीब