Mere Sapne Liye
Sumit Goswami
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
तेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी भीगी भीगी सी पलकों पे रह गए
जैसे मेरे सपने बिखर के
जले मन तेरा भी, किसी के मिलन को
अनामिका तू भी तरसे
मेरी भीगी भीगी सी
ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गई
ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गई
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
चोट दिल पे वो खाई मज़ा आ गया
मेरे रषके क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया
मेरे रषके क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया
जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया