Chaleya
Sumit Goswami
मैं कागज़ की कश्ती तू बारिश का पानी
ऐसा है तुझसे अब ये रिश्ता मेरा
तू है तो मैं हु, तू आए तो बह लू
आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना
आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना
जी उठी सौ बार तुझपे मर के रे
नैना ये मल्हार बनके बरसे रे
बावरा मन राह ताके तरसे रे
नैना ये मल्हार बनके बरसे रे