Thehro To Sahi

Sameer

ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो
ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो
सावन की रिमझिम मस्त घटा
ये शाम सुहानी तुम ही तो हो
ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो

आहट आहट आती है
में प्यार से सुनता जाता हू
बागो की महकी गलियो से
में कलिया चुनता जाता हू
बेचैनी मेरी धड़कन की
ख्वाबों की कहानी तुम ही तो हो
ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो

उँचे उँचे पेड़ो पे
जब पंछी सुर मे गाते है
ऐसा लगता है साज़िंदे
कही अपना साज़ बज़ाते है
बुलबुल के पैरो की पायल
भवरों की ज़ुबानी तुम ही तो हो
ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो
सावन की रिमझिम मस्त घटा
ये शाम सुहानी तुम ही तो हो
ठहरो तो सही सोचो तो ज़रा
मौसम की रवानी तुम ही तो हो

Curiosità sulla canzone Thehro To Sahi di Sonu Nigam

Chi ha composto la canzone “Thehro To Sahi” di di Sonu Nigam?
La canzone “Thehro To Sahi” di di Sonu Nigam è stata composta da Sameer.

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