Jo Tune Likha
तू सबको सम्भाले है
हम तेरे हवाले हैं
मेरे मौला
तू दे रास्ता
मेरे मालकां
मेरा है वास्ता
तूने ही दी सांस है
तुझपे आस है
बस तू ही जाने
जो तूने लिखा
होना वो जो
तूने तय किया
अंधियारा तेरा
तेरी है सुबह
बस तू ही जाने
जो तूने लिखा
मेरी नज़र है लगी
तेरी ही दहलीज़ पे
खाली हथेली पे तू
तकदीरें फिर खींच दे
तेरे आगे
मेरा सर झुका
पहरे हटा दे
मैं हूँ डर चूका
तेरे रास्तों से मैं
भटका हूँ मगर
घर लौटा दे तू
फिर से आ मुझे
गलती हो जाती है
आखिर सबसे
अंधियारा तेरा
तेरी है सुबह
बस तू ही जाने
जो तूने लिखा
मेरे बिछाए हुए
आके मुझे ही चुभे
आये नज़र क्यूँ नहीं
कांटे जो बारीक थे
मैंने काटा
जो कल बोया था
पाने के लिए मैं
पागल हो गया
जागा हूँ मैं नींद से
जागा देर से
घबराया सा हूँ मैं
फिर थाम ले
सरमाया तू मेरा है
मान ले
अंधियारा तेरा
तेरी है सुबह
बस तू ही जाने
जो तूने लिखा
होना वो जो
तूने तय किया
अंधियारा तेरा
तेरी है सुबह
बस तू ही जाने
जो तूने लिखा