Gar Mera Bas Chale

Manohar Iyer

गर मेरा बस चले, मैं उड़ के वाहा जाता
नीले अंबर के तले, जहाँ रोज़ ही शाम ढले
गर मेरा बस चले, सूरज को छुपा देता
कर देता चांदणी रात, और रहता तेरे साथ
आ हा हा हा
आ हा हा हा
गर मेरा बस चले, तुझे दिल से लगा लेता
और छेड के दिल का तार
गाता कोई नगमा-ए-प्यार
आ हा हा हा ओ मेरी जान
ओ हा हा हा हा तू हैं कहा

गर मेरा बस चले, तुझे साथ मैं ले जाता
तारो से दूर उस पार, जहाँ पारियाँ करे इंतजार
नही और कोई अरमान, नही और कोई चाहत
बस एक ही हैं सपना, तू बने मेरा अपना
नही बस मे दिल पागल, रोता हैं दिल पल पल
कुछ भी नहीं हे पता
क्या हाल हो गया हैं मेरा
आ हा हा हा ओ मेरी जान
आ हा हा हा तू हैं कहा

गर मेर बस चले, इतना तुझे तड़पाता
और देता ये एहसास, की मुझे बस तेरी ही आस
तू देखे ना देखे, दिल चिर के दिखलाता
तू देखे ना देखे, दिल चिर के दिखलाता
दिल मे तेरी तस्वीर, पर मेरी कहाँ तकदीर
तू दूर वहाँ सोई, आया ना जहाँ से कोई
जीना नही हैं यारा, जाना हैं तेरे पास
इतनी सी तमन्ना हैं, इतनी सी हसरत हैं
तू बुला ले मुझको वहाँ, मेरे हमदम तू हैं जहाँ
आ हा हा हा ओ मेरी जान
आ हा हा हा तू हैं कहा
गर मेरा बस चले, मैं उड़ के वाहा जाता
नीले अंबर के तले, जहाँ रोज़ ही शाम ढले
गर मेरा बस चले, तुझे दिल से लगा लेता
और छेड के दिल का तार
गाता कोई नगमा-ए-प्यार
आ हा हा हा ओ मेरी जान
आ हा हा हा गर मेरा बस चले

Curiosità sulla canzone Gar Mera Bas Chale di Sonu Nigam

Chi ha composto la canzone “Gar Mera Bas Chale” di di Sonu Nigam?
La canzone “Gar Mera Bas Chale” di di Sonu Nigam è stata composta da Manohar Iyer.

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