Roohani
Shashaa Tirupati
मेरे दिन भी मुझसे है पागल
मेरी रातें थी मुझसे दीवानी
हो तुम्हे सोचती हर घड़ी चाहती
ये रिश्ता है कोई रूहानी
दिलां दियाँ जाणिए तू
सुण मेरी गल्ल वे
उम्रा दे लई बस
रहीं मेरे वल वे
दिलां दियाँ जाणिए तू
सुण मेरी गल्ल वे
उम्रा दे लई बस
रहीं मेरे वल वे
बेक़रारियों पे किसी पीर ने
जैसे फूंकी हो दुआ
काली राते मेरी घुम हो गई
बनके जो आया तू सुबह
सिलवटी थी बेज़ुबा
कह दिया चाहतों की दास्तां
सहां वांगु रखां तैनु
सहां वांगु रखां तैनु
जीवां पल पल वे
उम्रा दे लई बस
रहीं मेरे वल वे
हाथो पे तेरे तक़्दीरें मेरी
करती है हरपल इल्तिजा
मुझसे तू कभी ना रूठना
गर हो जाए कुछ खता
कायनाते हो फना
इक तू ही बस मेरा आसना
मेरे सारे ग़मां दा
मेरे सारे ग़मां दा
इक तू ही हल वे
उम्रा दे लई बस
रहीं मेरे वल वे
दिलां दियाँ जाणिए तू
सुण मेरी गल्ल वे
उम्रा दे लई बस
रहीं मेरे वल वे