Yeh Zamin Hai
वाहे गुरुजी का खालसा
वाहे गुरुजी की फतेह
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे मेरे वास्ते
नयी मंज़िलो को चले नये रास्ते
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
इस गगन के तले हम जो घर से चले
सिर्फ़ ये खाब ही साथ है
इस गगन के तले हम जो घर से चले
सिर्फ़ ये खाब ही साथ है
अगले ही मोड़ पर होने को है सहर
बस ज़रा देर को रात है
खुशियो से होनी अभी मुलाकात है
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे मेरे वास्ते
जाने क्यो ये हुआ क्यू चली ये हवा
बुझ गये हर खुशी के दिए
जाने क्यो ये हुआ क्यू चली ये हवा (आ आ आ आ)
बुझ गये हर खुशी के दिए (आ आ आ आ)
कैसी रुत आई है साथ जो लाई है
इतने गम मेरे दिल के लए
ये गर्म आँसू कोई कैसे पिए
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे मेरे वास्ते
आ आ आ आ आ आ आ आ
गम की दीवार से दुख की जंजीर से
रुक सकी है कहा जिंदगी
गम की दीवार से दुख की जंजीर से
रुक सकी है कहा जिंदगी
इक नया हौसला लेके ये दिल चला
आरजू दिल मे है फिर नई
इन आँखो मे फिर हैं सजे खाब कई
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे मेरे वास्ते
नयी मंज़िलो को चले नये रास्ते
ये ज़मीन है रहगुजर तेरे मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे मेरे वास्ते
आ आ आ आ आ आ आ आ