Bhula Du
तू चाहता नहीं तो ना तुझसे मिलूँगा
ना तेरी गली की तरफ रुख करूँगा
तू चाहता नहीं तो ना कुछ भी कहूँगा
ना होंठों से अपने उफ़ भी करूँगा
ये हर बात तेरी है मंजूर मुझको
मगर ये ना कहना के भूला दूँ मैं तुझको
मगर ये ना कहना के ना चाहूँ मैं तुझको
मगर ये ना कहना के भूला दूँ मैं तुझको
कभी ख्वाब तेरे जो आँखों में आये
तो कह दूँगी उनसे कहीं और जाए
कभी बात तेरी जो लब करना चाहे
तो कह दूँगी उनसे रुके ठहर जाए
इजाज़त ये दे दे निगाहों को मेरी
कहीं दूर से मैं तुझे देख लूँगा
तुझे देख लूँगा
तुझे देख लूँगा
तुझे देख लूँगा
जरा तो सुकून दे बेचैन दिल को
मगर ये ना कहना के भूला दूँ मैं तुझको
जुदा होके तुझसे मैं ऐसे जियूँगी
हो पलकों में आंसू मगर मैं हँसूँगी
करूँ क्या मुकद्दर है मुझसे खफा सा
भले नाम दे दे तू मुझे बेवफा का
ये इलज़ाम भी है मंजूर है मुझको
मगर ये ना कहना के भूला दूँ मैं तुझको
आ आ आ
ना कहना के भूला दूँ मैं तुझको