Maula [Lofi]
Ali Hayat
किस से पूछे जायें कहाँ हम
क्यूँ हुई हैं यह दूरियाँ
दिल ने मेरे सोचा नही था कभी
ऐसे रुकेगा मेरा जहाँ
मौला मेरे मिलाया क्यूँ हमें
जब जुदा ही हमें करना था
मौला मेरे हसाया क्यूँ हमें
जब हसाके यू ही रुलाना ही था
ख्वाहिशें थी जो
बारिशें बनके वो
बह गयी आँसुओं के सहारे
गमज़दा दिल हुआ यून बेसबर हुआ
गरज रहा है क़ातिलों की तरह
टूटते तारे बस इतनी दुआ है
मेरे आने पे तू खुशियाँ वार दे
वही मेरा रब है वही मेरा सब है
उसी को तू मेरा प्यार दे
मौला मेरे मिलाया क्यूँ हमें
जब जुदा ही हमें करना था