Sylvia
झूठे मुठे वादे वफ़ाओं के गिना के
झूठे मुठे वादे वफ़ाओं के गिना के
अपने दीवाने को तू छोड़ गयी, छोड़ गयी
यह क्या किया सिल्वीया…यह क्या किया सिल्वीया
एक भवरे से नैन लड़ा के
अपने पिया का दिल तोड़ गयी..तोड़ गयी
यह क्या किया सिल्वीया…यह क्यू किया
सच्चे जज़्बात की क़दर नही हाए
तुझे किसी गैर की तू चूवान सदा भाए
हो सचे जज़्बात की क़दर नही हाए
तुझे किसी गैर की तू छुवन सदा भाए
ज़माना दे दुहाई काहे वो फिर खाई
जीन कसमों से मूह मोड़ गयी….मोड़ गयी
यह क्या किया सिल्वीया…यह क्या किया सिल्वीया
हां बुरा था सयाना मुक़र ही गया ना
रुसवाई रह गयी रुसवाई
घोसला सुहाना उजाड़ ही गया ना
तन्हाई रह गयी…तन्हाई
आँखो के सूरमे को दाग बनाया
काँच के आँखियाँ को फूँक जलाया
फ़ितरत में तेरी थी बेवफ़ाई
तू प्यार पे तोहमत छोड़ गयी
यह क्या किया सिल्वीया…यह क्या किया सिल्वीया
यह क्या किया सिल्वीया