Kya Mausam Hai
क्या मौसम है
फूलों कलियों में गुल हैं
नीले आसमान के ओ पंछी ले साथ मुझे
इस जीवन में
मुश्किल आती जाती है
पल दो पल के लिए, हंस के तू जीले यार मेरे
प्रेम की बोली बोलो दिल से नाता जोड़ो
दस्तूर है जहाँ का इन्साफ है कहाँ का
हरदम खुशी बाटे जा
कुदरत के नज़ारों का
पंछी के परवाज़ों का
खुल के लेले मज़ा ओ साथी पंछी की तरह
क्या मौसम है
फूलों कलियों में गुल हैं
नीले आसमान के
ओ पंछी ले साथ मुझे
मेरी मंज़िल कहाँ जानू ना मैं ना जहाँ
साँसें चले जब तक, चलता रहूं तब तक
ना जाने कब हो सुबह
हिम्मत से ज़माने में
मंज़िल अपनी ढूंढूंगा
आँधी हो या तूफान
रुकूंगा ना मैं सुन ले जहाँ
क्या मौसम है
फूलों कलियों में गुल मैं
नीले आसमान के ओ पंछी ले साथ मुझे