Sab Kuch Sun Na

HARIHARAN, MUMTAZ RASHID

सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है

जिन राहों पर साथ चले थे
हर मौसम में साथी
जिन राहों पर साथ चले थे
हर मौसम में साथी
उन राहों पर तनहा चलना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है

कदमों की रफ़्तार से आगे
वक्‍त यहाँ चलता है
क़द॒मों की रफ़्तार से आगे
वक्‍त यहाँ चलता है
शहर में अब लोगों से मिलना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है

राशिद कितनी राहें बदलो
पांव बहक जाते हैं
राशिद कितनी राहें बदलो
पांव बहक जाते हैं
मैख़ाने से बचके निकलना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना कुछ ना कहना
कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के जिंदा रहना
कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना
हम्म म्म्म कितना मुश्किल है

Curiosità sulla canzone Sab Kuch Sun Na di Hariharan

Quando è stata rilasciata la canzone “Sab Kuch Sun Na” di Hariharan?
La canzone Sab Kuch Sun Na è stata rilasciata nel 1997, nell’album “Jashn”.
Chi ha composto la canzone “Sab Kuch Sun Na” di di Hariharan?
La canzone “Sab Kuch Sun Na” di di Hariharan è stata composta da HARIHARAN, MUMTAZ RASHID.

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