Dialogue Kaalia [Kaliya And Jailor's Confrontation]

ANDREW R. NIELSEN, WILLIAM HICKS, Q. UNIQUE

आज तुमने बड़ी ऊँची छलांग लगाई हे कालिया
रघुबीर की जेल से भागने की कोशिश कई कैदियों ने की
लेकिन जितनी दूर तुम पहुँच गए हो आज
इतनी दूर पहले कोई नहीं पहुँचा
आजादी हर कैदी का खवाब होती हे
लेकिन अभी अभी तुम्हारे अंदर
खून की हर बूँद और बार तुम्हारे
शरीर का हर रोम चीखे गा और कहेगा
कालिया तुमने ये खवाब देखा तो क्यों देखा
इसे सर से पाँव तक इतना लोहा पहना दो
की उसके बाद न तो ये बगावत के लिए सर उठा सके
न आजादी की तरफ कदम बढ़ा सके
बाप ने अब तक जेल की जंजीरो और सलाखों का लोहा देखा हे जेलर साहब
कालिया की हिम्मत का फौलाद नहीं देखा
पहना दीजिये मुझे सर से पावँ तक जंजीरे
चुनवा दीजिये जमीन से लेके आसमान तक लोहे की दीवारे
कालिया हर दिवार फाँद के दिखा देगा जेलर साहब
हर जंजीर तोड़ कर दिखा देगा समझे

Curiosità sulla canzone Dialogue Kaalia [Kaliya And Jailor's Confrontation] di Amitabh Bachchan

Chi ha composto la canzone “Dialogue Kaalia [Kaliya And Jailor's Confrontation]” di di Amitabh Bachchan?
La canzone “Dialogue Kaalia [Kaliya And Jailor's Confrontation]” di di Amitabh Bachchan è stata composta da ANDREW R. NIELSEN, WILLIAM HICKS, Q. UNIQUE.

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