Phoolon Ke Rang Se
Neeraj
फूलों के रंग से दिल की कलम से
तुझको लिखी रोज़ पाती
कैसे बताऊँ किस किस तरह से
पल पल मुझे तू सताती
तेरे ही सपने लेकर के सोया
तेरी ही यादों में जागा
तेरे खयालों में उलझा रहा यूँ
जैसे के माला में धागा
बादल बिजली चंदन पानी
जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें
कई कई बार
इतना मदिर इतना मधुर
तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमें
कई कई बार
कई कई बार
ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ ओ)
साँसों की सरगम
धड़कन की वीना
सपनों की गीताँजली तू
मन की गली में
महके जो हरदम
ऐसी जुही की कली तू
छोटा सफ़र हो
लम्बा सफ़र हो
सूनी डगर हो या मेला
याद तू आए मन हो जाए
भीड़ के बीच अकेला
बादल बिजली चंदन पानी
जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें
कई कई बार
कई कई बार