Bpannah 2.0 [Sad Version]
Amit Lakhani, Rahul Jain
अभी अभी भूले भी ना थे तुम्हें
खयाल बनके फिर तुम आ गये
एहसास जो थे दिल में कई अनकहे
लफ्जो पे वो फिर यूं आ गये
साँसों की सरजमी पर बरसात ला गये
एक झपकी में तेरे सौ ख़ाब आ गये
बेपनाह बेपनाह प्यार है तुमसे
बेपनाह बेपनाह प्यार है तुमसे
टूट के बिखरा पड़ा हूँ
सांस लेना भी है सज़ा
जीने में अब क्या रखा है
मर रहा सौ दफा
कैसी ये साजिशे
रूठी है रंजिशे
लेती है करवटें ज़िंदगी
अब किस मोड पे आके रुका हूँ मैं
ना कोई राह है ना पता
साँसों की सरजमी पर बरसात ला गये
एक झपकी में तेरे सौ ख़ाब आ गये
बेपनाह बेपनाह प्यार है तुमसे
बेपनाह बेपनाह प्यार है तुमसे